तब उसब घर भितर ढुकलै आ माँ मरियम सङे बालकके देखल्कै। तब ठेङहुनिया द्याके ओकरा गोरलागल्कै आ तब आपन-आपन पेटी खोइलके सोना, सुगन्ध दैबला धुप आ महग अतरके तेल भेटी चरहेल्कै।
अतबे नै उ असल काम करलाके खातिर सब दिसनसे आदर पावलके हैकेचाही। उ आपन बेटा-बेटीके निक जखा लालन-पालन करने आ मेजमानसबके सेबा-सत्कार करने रहल हैकेचाही। उ परमेस्वरके पबितर जनसबके टाङ धुवाइने आ दुखमे परलहासबके मदत करने रहल हैकेचाही। अहिने औरो असल असल काम करने रहल हैकेचाही।