22 कथिलेत उ दिन सजायके दिन हेतै जे पबितर धरमसास्तरमे लिखल सब बातसब पुरा हेतौ।
अगमबक्तासे परमेस्वरके कहल बचन पुरा हैकेलेल यीसब भेल छै-
महज तु जिद्द कैरके पस्चाताप करैले नै चाहलिही। ओहैसे तु परमेस्वरके नियाय हैबला दिनमे बरका दन्डके लेल करोध समैटके राखनेचिही, जै दिनमे परमेस्वर ठिकसे नियाय करतै।
ओहिनङ परभु धरमी लोकसबके संकटसे बचाबैले आ अधरमी लोकसबके दन्ड दैले नियायके दिन तलिक राखैले जानैछै।
महज ओह्या बचनसे नियाय हैबला दिनतकके लेल अकास आ पिरथिबीके आइगसे नास करैके लेल बचाके राखनेछै। अकरा वहे दिनके लेल राखनेछै जहिया अधरमी लोकसबके नियाय हेतै आ ओकरासबके नास करलजेतै।