27 नोआ जहाज भितर नै ढुकैतक लोकसब खाइछेलै, पियैछेलै, बियाहबारी करैछेलै, तहै बखत बाइरह एलै आ सबके नास कैरदेल्कै।
अन्तिम दिनमे जब मरल लोकसब जि के उठतै त उसब बियाह नै करतै आ नै बियाह करादेतै, महज उसब स्वरगके स्वरगदुतसब जखा हेतै।
नोआके दिनमे जेहेन भेल छेलै, मानबोके बेटा आबैके दिनमे ओहिनङ हेतौ।
अहिनङे लोतोके बखतमे भेलरहै, लोकसब खाइछेलै, पियैछेलै, कोइ हाट बजारमे सर-समान किनबेच करैछेलै, कोइ खेत-बारी रोपै छेलै आ कोइ घर बानाइछेलै,