4 मुन्सीके नोकरी छुइट गेलाके बादो लोकसब कनङके हमरा उसबके घरमे बोलाइतै आ स्वागत करतै से बात हम सोइचलेने चियै।’
तब उ मुन्सी आपन मनेमन बिचार करल्कै, ‘आब हम कथी करबै, कथिलेत हमर मालिक हमरा मुन्सीके कामसे निकाले लागल छै। हर जोतैले हमरा तागत नै छै, भिख माङैले हमरा लाज हैये।
तब उ मालिकसे करजा लैबला सब लोकसबके एक-एक कैरके बोलाइल्कै आ पहिने आबैबला लोकके कहल्कै, ‘तोहर उपर हमर मालिकके कतहेक करजा छौ?’
हम तोरासबके कहैचियौ, आपन खातिर दुनियाके धनसे सङीसाथी बना, जब उ धन ओराइतौ, तब उसब तोरासबके स्वरगमे स्वागत करतौ।”
एहेन बुइध स्वरगसे नै आबैछै, महज यि त सन्सारसे, लोकके आपन चाहनासे आ सैतानसे आबैछै।