13 “कुछ दिनके बाद छोटका बेटा सब धन-समपैत जमा कैरके दोसर देस चैलगेलै आ ओते उ आपन मौज-मस्तीमे खा-पिके सब समपैत उराइल्कै।
एक दिन छोटका बेटा आपन बाबुके कहल्कै, ‘बाबुजी, हमर हिस्सामे परैबला धन-सम्पतीके अंस हमरा अखनिय दिय।’ तब ओकर बाबु आपन सम्पैत दुनु भैयारीमे बाइट देल्कै।
उ सब टका-पैसा खरच कैरलेने छेलै। तहै बखत ओइ देसमे बरका रौदी भेलै आ ओकरा सब चिजके दुख तकलिफ हेबे लाग्लै।
महज अहाँके सम्पैत रन्डीवाजमे उराइबला बेटा एल त बरका मोटगरहा खसी काइटके भोज करलियै।’
येसु आपन चेलासबके कहल्कै, “कोनो धनिक लोकके एकटा मुन्सी छेलै। ‘उ आपन मालिकके धन-समपैत उरा रहलछै कैहके’ ओकर उपर आरोप लागल छेलै।
“एक समयमे एकटा धनिक लोक रहै, जे सबदिन महङ-महङ बस्तर लगाइछेलै आ ऐस-अरामके जिन्गी बिताइछेलै।
महज तुसब, जे ओइ बखत परमेस्वरसे दुर छेल्ही, आब खिरिस्ट कुरूसमे बह्याल लहुसे नजदिक भेलचिही।
उ आइबके परमेस्वरसे लग भेल यहुदी आ दुर रहल गैर-यहुदी दुनुके बिचमे मेलमिलाप कराइले सुसमाचार सुनाइल्कै।
उसब औरोसबके दुख देलाके कारन आपनो दुख भोगेपरतै। उसब दिने-दुपहरेमे मोजमजा करनाइ आनन्द बात ठानैछै। उसब त कलङकित आ दुसित लोकसब चियै। तोरासबसङे भोजन करैतकाल उसब छल कैरके आनन्द लैछौ।