जब नोकर घुइमके एलै तब सब बातसब मालिकके सुनेल्कै। मालिक खिस्याके आपन नोकरके कहल्कै, ‘सहरके रस्ता-पेरा आ गल्लीसबमे जो आ गरिबसब, अन्हरासब आ लुल्हा-नेङरसबके बोल्याके आन।’
अतबे नै उ असल काम करलाके खातिर सब दिसनसे आदर पावलके हैकेचाही। उ आपन बेटा-बेटीके निक जखा लालन-पालन करने आ मेजमानसबके सेबा-सत्कार करने रहल हैकेचाही। उ परमेस्वरके पबितर जनसबके टाङ धुवाइने आ दुखमे परलहासबके मदत करने रहल हैकेचाही। अहिने औरो असल असल काम करने रहल हैकेचाही।