15 महज परभु ओकरासबके जबाफ देल्कै, “ए कपटीसब, के पबितर बिसरामके दिनमे आपन गाइ या गदहाके खुट्टासे घुरी खोइलके पानी पिआइले नै लजाइचिही से?
ओइसबके छोइरदहै, उसब त अन्हराके डोरियाबैबला आन्हर अगुवा जखा चियै। एकटा अन्हरा दोसर अन्हराके पकैरके बाट देखाइतै त दुनुगोरा खाइधमे खस्तै।”
हे कपटीसब! यसैया अगमबक्ताके कहल बातसब तोरासबमे जहिनाके तहिना मिलैछौ-
“तोहे धरमगुरुसबके आ फरिसीसबके धिक्कार! तुसब कपटी चिही! कथिलेत तुसब स्वरगके राजके केबार खोलैबला कुजी त लेल्ही, महज नै अपने ढुकलिही नै दोसरके ढुकैले देल्ही।
ओहैतरहसे तुसब बाहरसे लोकसबके अगा धरमी जखा देखापरैचिही, महज भितरसे कपट आ दुस्टतासे भरलचिही।
ऐ कपटीसब! पहिने आपन आँखके ढेङ निकाल तब तु आपन भाइके आँखके कुरकुट निकालैले निकसे देखे सकबिही।
तहैबिच जब हजारो लोकसबके भिर जमा भेलै, तब ओते लोकसब एकदोसरमे किचम-किच हेबे लाग्लै, तहै बखत येसु आपन चेलासबके कहेलाग्लै, “तुसब फरिसीसबके खमिरसे होसियार रैहिये, कथिलेत उ खमिर ओकरासबके कपटी बिचार चियै।
तब येसु ओकरासबके कहल्कै, “तोरासबमेसे ककरो धियापुता या गाइमाल पबितर बिसरामके दिनमे इनारमे खस्तौ त तखुन्ते नै निकालबिही?”
आपन आँखके ढेङ नै देखैचिही त आपन भाइके कनङके कहे सकबिही, ‘ला त तोहर आँखके कुरकुट निकाइल दैचियौ।’ ऐ कपटीसब! पहिने आपन आँखके ढेङ निकाल तब दोसरके आँखके कुरकुट असलसे देखे सकबिही।”
जब परभु येसु ओइ बिधुवाके देखल्कै तब ओकर हिरदय दयासे भैरगेलै आ कहल्कै, “नै कान!”
यि पुछैले परभु लग पठाइल्कै, “जे आबैबला कि अहाँ उहे चियै? कि हमसब दोसरके आस करु?”