40 जब भिरके लोकसब येसुके यि बात सुनल्कै तब कुछ लोकसब कहल्कै, “साँचोके यि लोक त आबैबला अगमबक्ता चियै।”
अगा-पछा चलैबला भिरके लोकसब ओइसबके जबाफ देल्कै, “यि त गालिल परदेसके नासरतसे एल अगमबक्ता येसु चियै।”
तब उसब ओकरा पुछल्कै, “कि तु एलिया चिही त?” युहन्ना जबाब देल्कै, “नै।” “तब कि तु अगमबक्ता चिही त?” उ जबाफ देल्कै, “नै।”
सामरी जनी कहल्कै, “मालिक, अहाँ अगमबक्ता चियै से बात आब हम जाइनगेलियै।
तब उ लोकसब येसुके करल अजगुतके काम देखके कहेलाग्लै, “अपनासबके आस करल सन्सारमे आबैबला अगमबक्ता साँचोके एह्या चियै।”
भिरके बिचमे लोकसब ओकर बारेमे गुदुरफुसुर बतियाइले लाग्लै। कोइ “उ निक छै” कहैछेलै त कोइ “उ त लोकसबके बहकाबै छै” कहैछेलै।
[पावल यि बात कहलाके बाद उसब एकदोसरसे खुब बताबती करैत चैलगेलै।]