29 “आबैजो, अते आइबके एकटा लोकके देख! हमर करल सबकाम उ हमरा कैहदेल्कै। कि ओह्या मुक्ती दैबला रजा खिरिस्ट त नै चियै?”
यि देखके भिरके लोकसब छक परलै आ कहेलाग्लै, “कि यि दाउद रजाके बेटा त नै चियै?”
यि बात सुइनके सामरी जनी कहल्कै, “हम जानैचियै कि मसिह (जकरा ‘खिरिस्ट’ कहैछै) आबैबलाछै। उ आइबके सब बात हमरासबके बुझ्यादेतै।”
तहै बखत सामरी जनी आपन घैला ओतै छोइरके गाममे गेलै आ लोकसबके कहल्कै,
यि बात सुइनके लोकसब सहरसे निकैलके येसुके देखैले एलै।
“अखुनतक हमर करलहा सबकाम उ हमरा कैहदेल्कै” कैहके जनिके द्याल गबाहिसे ओइ गामके सामरीसबमेसे बहौत गोरा येसुमे बिस्बास करल्कै।
देख, उ त खुलमखुला बोलैछै, महज उसब ओकरा कुछो नै कहैछै! यि त मुक्ती दैबला खिरिस्ट चियै कैहके सासकसब साँचोके थाह पाबल्कै कि कथी?
तैयो भिरके बहुतो लोकसब ओकर उपर बिस्बास करल्कै। तब उसब कहल्कै, “जब खिरिस्ट एतै, तब कि उ यि लोकके करलहासे बेसी अजगुतके कामसब करतै?”
पबितर आत्मा आ कनिया कहैछै, “आबु!” जे लोक सुनैछै, उहो लोक कहे कि, “आबु।” जे पियासल छै, उ आबे आ जकरा इक्छा लागैछै उ जिबनके पानी मङनिएमे पिबे!