11 तब उ सामरी जनी कहल्कै, “मालिक, अहाँसङे त पानी भरैले डोलो नै छै, इनार बहौत गैहर छै। जिबनके पानी अहाँ कतसे आन्बै?
निकोदेमस ओकरा पुछल्कै, “बुढ भ्यागेल लोक फेनो कनङके जलमतै? उ फेनो आपन माँ के कोइखमे ढुइकके कनङके जलम ल्या सकैछै?”
महज हमर देल पानी पियैबला फेनो कहियो नै पियासल रहतै, कथिलेत हमर देल पानी ओकर भितरसे निकलैबला पानीके मुल हेतै आ ओकरा अनन्त जिबन देतै।”
पाबैनके अन्तिम दिन अरथात मुल दिनमे येसु ठार भ्याके जोरसे कहल्कै, “तोरासबमेसे यदि कोइ पियासल चिही त उ हमरलग आबे आ पिबे।
महज पतरुस कहल्कै, “नै परभु! हम कहियो नै अपबितर या असुध चिजसब खेने चियै।”
जै लोकमे परमेस्वरके आत्मा नै छै, उ लोक परमेस्वरके आत्माके बातसबके गरहन नै करैछै। कथिलेत एहैन बातसब ओकरलेल मुरुख बात हैछै। एहैन बात त परमेस्वरके आत्मासे मातरे बुझैले सकैछै।
उ हमरा कहल्कै, “आब सबकाम पुरा भ्यागेलै! अल्फा आ ओमेगा, सुरु आ अन्त हम्ही चियै। जकरा-जकरा पियास लागल छै, हम ओइसबके मङनिएमे जिबनके पानीके भबसे पियैले देबै।
तकरबाद स्वरगदुत हमरा इस्फटिक जखा चमकदार जिबनके पानीके लदी देखल्कै। उ लदी परमेस्वर आ थुमाके सिंहासनसे निकैलके,
पबितर आत्मा आ कनिया कहैछै, “आबु!” जे लोक सुनैछै, उहो लोक कहे कि, “आबु।” जे पियासल छै, उ आबे आ जकरा इक्छा लागैछै उ जिबनके पानी मङनिएमे पिबे!
कथिलेत सिंहासनके बिचमे रहैबला थुमा ओकरासबके चरबाहा हेतै, ओकरासबके डोरियाइत जिबनके पानीके मुलमे लजेतै आ परमेस्वर ओकरासबके आँखके सब लोर पोइछदेतै।”