10 “सबलोक पहिने असल्का मध पियैले दैछै आ जब लोकसब बहुते पिलैछै, तब मातरे दबका पियैले दैछै, महज अहाँ त असल्का अखुनतक राखने चियै।”
उ आपन जरे काम करैबला नोकरसबके मारपिट करे लाग्तै आ अपने पियकर सङे खाइ-पिये लाग्तै त,
महज उ मुखिया आपन मनमे ‘हमर मालिक अबेरसे एतै’ कैहके सधारन नोकर-चाकरके मारे-पिटे लाग्तै आ जथाभाबी खा-पिके माते लाग्तै त,
महज अबराहम ओकरा कहल्कै, ‘बेटा याद कर त, तु आपन जिन्गीमे सबचिज असले-असलसे भोग बिलास करलिही महज लाजरस दुखे-दुख काटल्कै। आब उ अते सुखमे छै आ तु दुखमे चिही।
तोरासबके बिचार करल जखा यि सब अङगुरके मध पिके नै मातल छै, कथिलेत अखुन बिहानके न मातरे बाजल छै।
कथिलेत तुसब खाइबखत आपने आपने सुरमे खाइले लागैचिही। तब कोइ भुखले रहैछै आ कोइ पिके मातैछै।
अङगुरके मधसे नै मात कथिलेत ओइसे जिबन नास हैछै, महज पबितर आत्मासे भरपुर रह।
कथिलेकी सुतैबलासब रातमे सुतैछै आ पियक्करसब रातेमे मातैछै।
ओकरसङे सन्सारके रजासब बेबिचार करने छेलै आ सन्सारके लोकसब ओकर बेबिचारके नसासे मातल छेलै।”
तब हम उ जनीके परमेस्वरके पबितर जनसब आ येसु खिरिस्टके साक्छी दैबलासबके लहु पिके मातल देखके हम एकदम छक परलियै।