29 ओते ठार भ्याल लोकसब यि सुइनके कहल्कै, “मेघ गरजैछै!” औरो गोरा कहल्कै, “स्वरगदुत ओकरसङे बोल्लै!”
साउलसङे जाइबला लोकसब डेराके बौक जखा ठार भ्यागेलै कथिलेत उसब अबाज त सुनल्कै, महज ककरो नै देखल्कै।
तखन स्वरगमे परमेस्वरके मन्दिर खुल्लै आ ओकर मन्दिर भितर ओकर करारके सन्दुक देखापरलै। तब अकासमे बिजली चमैक उठलै। डरलागैबला अबाज सुनाइ देल्कै आ मेघके गरजन सुनेलै, भुमकौन गेलै आ बरका बरका पथल परलै।
हम स्वरगसे बरका पानीके अबाज आ मेघके बरका गरजैके अबाज जखा सुनलियै। उ बिना बज्यारहल बहुत बिना एकसाथ बजाइबलासबके अबाज जखा छेलै।
तकरबाद थुमा उ सातटा लाहटसब मेसे पहिन्काके तोरैत हम देखलियै, तब चार जिबित परानीसब मेसे एकटा मेघ गरजन जखा आबाजमे अनङ कहैत हम सुनलियै “अते या!”
तकरबाद उ स्वरगदुत धुपदानी लेके ओइमे बेदीके आइग भरल्कै आ पिरथिबीमे फेकल्कै त मेघ गरजनके आबाज एलै, बिजली चमैक उठलै आ भुमकौन गेलै।