उसब अनङ कैहके परमेस्वरके दास मोसाके भजन आ थुमाके भजन गाबैछेलै, “हे सरबसक्तिमान परभु परमेस्वर! अहाँके काम कतेक महान आ अदभुत छै, हे जाती जातीके रजा! अहाँके बाट धारमिक आ सत छै।
तकरबाद हम ताकलियै त कोइ नै गनैले सकैबला लोकसबके एकटा बरका भिर देखलियै। उसब हरेक जाती, हरेक कुल, हरेक देस आ हरेक भसाके लोक छेलै। उसब उजर बस्तर पिन्हके हाथमे खजुरके ठाइर लेके सिंहासन आ थुमाके अगा ठारभेल हम देखलियै।