“यि बात हम तोरासबके खिसा-पिहानीसबमे कहनेचियौ। महज समय आइबरहल छौ, तैबखत हम तोरासबके सङे फेनो खिसा पिहानीमे नै बाज्बौ, बल्की पिताके बिसयमे साफ-साफ कैहदेबौ।
जै लोकमे परमेस्वरके आत्मा नै छै, उ लोक परमेस्वरके आत्माके बातसबके गरहन नै करैछै। कथिलेत एहैन बातसब ओकरलेल मुरुख बात हैछै। एहैन बात त परमेस्वरके आत्मासे मातरे बुझैले सकैछै।