4 देख! जे जन-बनिहार तोरासबके खेतमे बालि-नाली समेटदेल्कौ तकरा तुसब बैन नै दैके कारनसे उसब कानैखिजैछै। तैसबके पुकार सरबसक्तिमान परमपरभु परमेस्वरके कान तलिक पुइग गेलछौ।
तब उ आपन चेलासबके कहल्कै, “उबजल बाली त परसस्त छै, महज काटैबला जनसब कमे छै।
कि परमेस्वरके आपन जनसब रात-दिन ओकरा पुकारतै त ओइसबके नियाइ नै करतै? कि उ आपन लोकसबके सहायता करैले देर करतै त?
यसैया अगमबक्ता यि बात पहिने भबिसबानी करने छेलै, “यदि सरबसक्तिमान परमपरभु अपनासबके लेल सन्तान बाकी नै राखने रहतियै त, अपनासब सदोम आ गमोराके लोक जखा नास हेतियै।”
हे मालिकसब, तोरोसबके स्वरगमे एक गोरे मालिक छौ से बात जाइनके आपन दास सबसङे पक्छपात नै कैरके असल बेबहार कर।