अहैलेल हे हमर पिरिय सङीसब, परमेस्वर अपनासबके देल यि परतिग्या अनुसार देह आ आत्माके असुध बनाबैबला हर किसिमके बातसे अपनासब दुरे रह आ परमेस्वरके डर मानैत औरो पबितर हैत चल।
महज स्वरगसे आबैबला बुइध त सबसे पहिने असल हैछै, तकरबाद उ सान्ती दैबला, नम्र, बिचारसिल आ दयासे भरल रहैछै आ असल कामसे परकट हैछै। अइमे पक्छपात करैबला बात आ छलकपट करैबला बात नै रहैछै।
वह्या पानी बप्तिस्माके एकटा रुप चियै, जे तोरासबके बचाबैछौ। यि देहके मैल उगारनाइ नै चियै, महज सुध बिबेकसे परमेस्वरमे करलगेल समरपनता चियै। यि मिरतुसे भेल येसु खिरिस्टके पुनरुथानसे तोरासबके बचाइछौ।