11 कथिलेत “बेबिचार नै कर” आ “हतिया नै कर” सेहो कहनेछै। तै दुवारे बेबिचार नै करबिही महज लोकके हतिया करबिही त बेबस्थाके भङ करैके दोख लाग्तौ।
उ लोक कहल्कै, “कोन आग्यासब?” तब येसु कहल्कै, “हतिया नै कर, बेबिचार नै कर, चोरी नै कर, झुठा गबाही नै दहै,
तु त आग्यासब जान्बे करैचिही- हतिया नै कर, बेबिचार नै कर, चोरी नै कर, झुठा साक्छी नै दहै आ आपन माँ-बाबुके आदर कर।”
तु त आग्यासब जान्बे करैचिही, ‘बेबिचार नै कर, हतिया नै कर, चोरी नै कर, झुठा साक्छी नै दहै आ आपन माँ-बाबुके आदर कर।’”
बेबस्थामे “बेबिचार नै कर, हतिया नै कर, चोरी नै कर, लोभ नै कर” आ औरो आग्यासब छै। यि सब आग्यासबके सार यह्या चियै कि “तु आपन परोसियाके आपने जखा परेम कर।”