उसब आपन कुछ चेलासब आ हेरोद रजाके दलके कुछ लोकसबके येसुलग एहेन कहैले पठेल्कै, “हे गुरु जी, हमसब जानैचियै कि अहाँ सत चियै आ परमेस्वरके साँचे सत बाट देखाइचियै। लोकसब कथी कहतै तैके कोनो बास्ता नै राखैचियै कथिलेकी अहाँ ककरो पक्छपात नै करैचियै।
हम तोरा परमेस्वर, खिरिस्ट येसु आ चुनलगेल स्वरगदुतके अगा करा आग्या द्याके यि कहैचियौ कि भेदभाव बिना यि नियमसब पालन कर। पक्छपात कैरके कोनो काम नै कर।
अपनासबके बिस्बास सुरु करैबला आ पुरा करैबला येसुके देख। जे पाछुसे पाबैबला आनन्दके लेल अपमानके कुछो नै सोइचके कुरूसमे दुख भोगल्कै आ अखैन उ परमेस्वरके सिंहासनके दहिनाकात बैठलछै।
महज स्वरगसे आबैबला बुइध त सबसे पहिने असल हैछै, तकरबाद उ सान्ती दैबला, नम्र, बिचारसिल आ दयासे भरल रहैछै आ असल कामसे परकट हैछै। अइमे पक्छपात करैबला बात आ छलकपट करैबला बात नै रहैछै।
एहेन लोकसब सन्तोखिया नै हैछै, हरदम दोसरके गल्ती निकालैछै आ अपना सेहो नै निक इक्छासबमे चलैछै, अपनेके बरका सम्झैछै आ आपन काम बनाइले दोसरके चापलुसी करैछै।