महज स्वरगसे आबैबला बुइध त सबसे पहिने असल हैछै, तकरबाद उ सान्ती दैबला, नम्र, बिचारसिल आ दयासे भरल रहैछै आ असल कामसे परकट हैछै। अइमे पक्छपात करैबला बात आ छलकपट करैबला बात नै रहैछै।
ओहैसे यदि निक हैले चाहैचियै त आपन करल पाप एक-दोसरके अगा सुइकार कर आ एक-दोसरके खातिर परथना कर। धरमी लोकके करल परथनासे परमेस्वर सक्तिसाली आ परभावकारी तबरसे काम करैछै।