2 हे हमर भाइ-भैयासब, तोरौरके जब कोनो किसिमके आपत-बिपत एतौ तखुन तुसब खौब आनन्दके बात समझ।
तब येसुके नाममे अपमान सहैके योग्य चियै कैहके खुसी मनाइत उसब महासभामे गमलिएलके बात मानैत निकैलके गेलै।
अतबेक नै, हमसब आपन दुख-कस्टमे सेहो आनन्द मनाबैचियै कथिलेत हमसब जानैचियै कि दुख-कस्टसे सहनसिलता उतपन कराबैछै,
कथिलेकी खिरिस्टके लेल तोरासबके यि देलगेलछौ, कि तुसब ओकरमे बिस्बास मातरे कैरके नै महज ओकर खातिर दुख सेहो भोगैले परतौ।
यदि तोरासबके बिस्बाससाथ करल सेबाके कामके खातिर हमरा लहु बहाबैले परतै तैयो हम खुसिसे बहेबौ आ तोरेसबसङे आनन्द मनाइबौ।
तहिनङे तुहुसब खुसी हो आ हमरसङे आनन्द मना।
अखुन हम तोरासबके खातिर दुखो भोइगके खुसी चियौ कथिलेत खिरिस्टके देह अरथात मन्डलीके खातिर बाकी रहल दुख-कस्टसब हम आपन देहमे भोइगके पुरा करैचियौ।
तुसब जहलमे परलहा लोकसबके दया देखाइलिही, आपन सम्पती लुटलगेलै तैयो खुसिसाथ सहन करलिही, कथिलेकी तुसब जानैछेल्ही, कि औरो उतम आ सबदिन रहैबला सम्पती आपनेसङे छै।
उ लोक धैनके चियै, जे आपत-बिपतमे अस्थिर रहैछै, कथिलेकी जाँचके सामना करलाके बाद उ जिबनके मुकुट पाबतै, जे परमेस्वरके परेम करैबलासबके परमेस्वर दैले परतिग्या करने छै।
हे हमर पिरिय भाइ-भैयासब, तोरौरके आपनेसे धोखा नै खो।
हे हमर पिरिय भाइ-भैयासब, यि बात तोरौरके जान। सुनैमे जल्दी, बाजैमे अस्थिर, तामसमे कम हैलेपरतै।
धिरज करैबला लोक आसिस पाबैछै से बात हमसब जानैचियै। अय्युब धिरज राखल्कै आ परभु ओकरा दया आ किरपा देखाइल्कै से बात ओकर जिबनमे अस्पस्ट देखापरैछै।
ओहिनङ परभु धरमी लोकसबके संकटसे बचाबैले आ अधरमी लोकसबके दन्ड दैले नियायके दिन तलिक राखैले जानैछै।
तोरा जे कस्ट परेबलाछौ ओइसे नै डरा। तोहर बिस्बास जाँचके लेल सैतान तोरासबमेसे कतेक लोकके जहलमे ढोकतौ। अहिनङ कैरके तोरासबके दस दिनतक कस्ट सहैले परतौ। तु मिरतु तक हमरमे बिस्बास करैले नै छोर। तब हम तोरा जिबनके मुकुट देबौ।’