3 परदा पछारी दोसर कोठलीके महापबितर ठाम कहैछै,
ओइ समयमे मन्दिरके परदा उपरसे निचा दुइ चिरा भ्याके फाटलै। धरती डोले लाग्लै आ चटान फुटलै।
जनङ एकटा लङगर जहाजके अस्थिर राखैछै तहिनङ यि आसा अपनासबके सुरक्छीत आ अस्थिर राखैछै। उ आसा येसु चियै। उहे अपनासबके स्वरगिय मन्दिरके परदा भितर महापबितर ठाममे गेलै।
महज दोसर कोठलीके महापबितर ठाममे परधान पुजारी मातरे बरिसके एकबेर जाइछेलै। उ लहु ल्याके मातरे जाइले पाबैछेलै। उ लहु आपन पापके लेल आ लोकसबके अन्जानमे करल पापके लेल उ चरहाइले जाइछेलै।
पबितर आत्मा अहैसे देखाबैछै कि, जहियातक पहिन्का कोठलीके पबितर ठाम रहतै, ताबे तक दोसर कोठली महापबितर ठाम जाइबला रस्ता नै खुल्तै।