7 कुछ लोकसब पानी पैरके भिजल जमिन जखा हैछै आ खन-जोत करैबला किसानके लेल असल अन दैछै। ओइ जमिनके परमेस्वर आसिस दैछै।
कथिलेत जे माङैछै, उ पाबैछै, जे खोजैछै, ओकरा भेटैछै आ जे ढकढकाइछै, तकरा लेल केबार खुलैछै।
जे गिरहत घाम-पसिना चुबाके मेहनत करैछै, उबजल बालीके पहिन्का हिस्सा ओकरे मिलैके चाही।
अहै खातिर हे भाइ-भैयासब, परभु नै आबैतलिक धिरज धैरके रह। देख, खेति-किसानी करैबला अगिल्का आ पछिल्का बरखा नै है तलिक धिरज धैरके कनङ जमिनसे बहुमुल्य उबजनीके लेल असियाल रहैछै।