13 महज परमेस्वर यि बात कोनो स्वरगदुतके कहियो अनङ नै कहल्कै, “तु हमर दहिनाकात बैठ जाबे तलिक तोहर सतरुसबके तोहर टाङके निचा नै करबौ।”
परमपरभु हमर परभुके कहल्कै, ‘तु हमर दहिना हाथकता बैठ, जाबेतक हम तोहर दुस्मनसबके तोहर खराम नै बनाइबौ।’”
जबकि दाउद आपने पबितर आत्मासे कहनेछै, ‘परमपरभु हमर परभुके कहल्कै, तु हमर दहिना हाथ कता बैठ, जाबेतक हम तोहर दुस्मनसबके तोहर टाङके खराम नै बनाइबौ।’
आब हमरा ओइसबके उपर राज करैत नै देखे सकैबला बिरोधीसबके हमरलग आन आ हमरे अगामे मार!’”
कथिलेत भजनके किताबमे दाउद आपने कहनेछै, ‘परमपरभु हमर परभुके कहल्कै, तु हमर हाथके देहना कात बैठ,
महज उ पबितर आत्मासे भरपुर भ्याके एकटक लग्याके स्वरग दिसन ताकल्कै, ओते उ परमेस्वरके इजोत चम्कैत आ परमेस्वरके देहनाकता येसुके ठारभेल देखल्कै।
परमेस्वरके महिमाके इजोत ओकरेमे चम्कैछै आ वह्या परमेस्वरके साँचो रुप चियै। ओकरे सक्तीसाली बचनसे अकास आ पिरथिबीमे भेल सब चिजके अराइनेछै। उ लोकसबके पाप सुध करलाके बाद स्वरगमे रहैबला महिमीत परमेस्वरके दहिनाकात बैठलछै।
जकर-जकर नाम जिबनके किताबमे लिखल नै भेटलै, ओकरासबके आइगके भठिमे फेकदेल्कै।