10 कि हम लोकसबके खुसी करैले चाहैचियै या परमेस्वरके? कि हम लोकसबके खुसी करैले चाहैचियै? यदि हम लोकसबके खुसी करने रहतियै त हम खिरिस्टके सेबक नै हेतियै।
उसब आपन कुछ चेलासब आ हेरोद रजाके दलके कुछ लोकसबके येसुलग एहेन कहैले पठेल्कै, “हे गुरु जी, हमसब जानैचियै कि अहाँ सत चियै आ परमेस्वरके साँचे सत बाट देखाइचियै। लोकसब कथी कहतै तैके कोनो बास्ता नै राखैचियै कथिलेकी अहाँ ककरो पक्छपात नै करैचियै।
हे बेबिचारी लोकसब! परमेस्वरके छोइरके यि सन्सारके खराब चालचलनमे चलैबला लोकसब परमेस्वरके दुस्मन हैछै से बात तोरौरके थाह नै छौ? अहैलेल यदि कोनो लोक यि सन्सारके खराब चालचलनमे चल्तै, उ परमेस्वरके दुस्मन चियै।