30 कथिलेत अपनासब ओकर देहके अङसब चियै।
तहिनङे अपनासब बहुतो चियै तैयो खिरिस्टमे एकेटा देह चियै आ अपनासब एक-दोसरके सेबा दैबला अङसब चियै।
तोरासबके देह खिरिस्टके अङ्गसब चियौ कैहके कि तोरासबके थाह नै छौ? कि हम खिरिस्टके अङ्गसब ल्याके बेस्यासबके अङ्ग बनाइबै? एहेन कहियो नै हेबे!
मन्डली खिरिस्टके देह चियै, एह्या देह सब बातसे भरल ओकर पुरा रुप चियै।
कोइ नै आपन देहके घिरना करैछै, महज ओकर पालन-पोसन करैछै, जहिनङ खिरिस्ट आपन मन्डलीके लेल करल्कै।
अहिनङ यिसब त आपन सिर, जे खिरिस्ट चियै, ओकरसङे कोनो समबन्ध नै राखैछै। खिरिस्ट देहके सिर चियै जे पुरे देहके हटाकटा बनाबैछै, एहैन कैरके देह, गिरह-गिरह आ नसा-नसासब जुटैत परमेस्वरेके योजना अनुसार बरहैत-बरहैत जाइछै।