19 एक-आपसमे भजन, गित आ पबितर आत्मासे देल गित गाब आ परभुके खातिर आपन हिरदयसे धुन निकाल।
‘यि लोकसब हमरा मुहसे मातरे आदर करैछै! महज ओइसबके मन हमरसे बहौत दुर छै।
तकरबाद एकटा भजन गाइबके उसब जैतुन पहाड़ दिसन निकैलके गेलै।
महज अधा रातके पावल आ सिलास परथना करैत, भजन गाबैत परमेस्वरके परसन्सा करैतरहै, ओकरौरके परथना करैत परमेस्वरके भजन गाबैछेलै आ औरो जहलमे ढोकलहा कैदीसब सुनैत रहै।
आब हम कि करबै? हम आपन आत्मासे परथना करबै आ आपन मनसे सेहो बुझैबला भसामे परथना करबै। हम आपन आत्मासे भजन गाब्बै आ आपन मनसे सेहो बुझैबला आपन भसामे भजन गाब्बै।
हे हमर भाइ-भैयासब, आब हम कथी कहबौ? तुसब एकसाथ जम्मा हैचिही त कोइ भजन गाबैछै, कोइ सिक्छा दैछै, कोइ परमेस्वरसे परगट भेल बात कहैछै, कोइ आन भसा बोलैछै आ कोइ आन भसाके अरथ खोइलदैछै। यि सब बातसबसे मन्डलीके आत्मिक तवरसे बिरधी कराबैछै।
खिरिस्टके बचनसे तोरासबके हिरदय परसस्त कैरके भरल रहे। आपन पुरे ग्यान-बुइधसे एक दोसरके सिखा आ सल्लाह दैबला काम कर। परमेस्वरके हिरदयसे धन्यबाद दैत भजन, इस्तुति-परसन्सा आ आत्मिक गितसब गाब।
यदि तोरासबमेसे कोइ समस्यामे छै त, उ परथना करे। कोइ खुसी छै त, उ परसन्साके गित गाबे।
उसब अनङ कहैत एकटा लया गित गाबल्कै, “यि कागतके मुठा लैले आ अकर लाहटके तोरेके योग्य अहाँ मातरे चियै, अहाँ मारल गेलियै आ आपन लहुसे अहाँ परमेस्वरके लेल सब कुल, भसा, जाती आ देसके लोकसबके छुटकरा देलियै।