या कि तु परमेस्वरके महान किरपा, सहनसिलता आ धिरजके तुच्छ सम्झैचिही? परमेस्वर आपन किरपासे तोरा पापसे पस्चाताप करैके मौका देनेछौ से बात कि तोरा थाह नै छै?
महज पबितर धरमसास्तरमे एहेन लिखलछै, “आँखसे नै देखलहा आ कानसे नै सुनलहा आ लोकके मनमे नै चितेल्हा, एह्या बात परमेस्वर ओकरा परेम करैबलासबके लेल तयार करने छै।”
एक समयमे हम्हु परमेस्वरके निन्दा करैबला आ ओकरमे बिस्बास करैबलासबके सताइबला आ दुरछिया करैबला लोक छेलियै। महज परमेस्वर हमरा दया करल्कै कथिलेकी उ कामसब हम अन्जानमे करलियै आ ओइ बखत हम परभुके नै चिन्है छेलियै।