‘कथिलेत यि लोकसबके मन कठोर भ्यागेलछै आ ओइ लोकसबके कान बैहर भ्यागेल्छै, उसब आपन आँख मुइन लेने छै, नै त उसब आँखसे देखतियै, कानसे सुनतियै आ मनसे बुझतियै आ घुइमके हमरलग एतियै आ हम ओइसबके निक करतियै।’
या कि तु परमेस्वरके महान किरपा, सहनसिलता आ धिरजके तुच्छ सम्झैचिही? परमेस्वर आपन किरपासे तोरा पापसे पस्चाताप करैके मौका देनेछौ से बात कि तोरा थाह नै छै?
ओइ बखत तुसब खिरिस्टके नै चिन्हैबला लोक छेल्ही। तुसब परमेस्वरके छानल इजराएलीसबसङे समबन्ध नै भेल्हा बिदेसी छेल्ही। परमेस्वर आपन लोक इजराएलीसङे करल परतिग्यासबसे जोरल करारमे तोरासबके कोनो जगह नै छेलौ, तब सन्सारमे तुसब बिना आस आ बिना परमेस्वरके छेल्ही।
अहै खातिर तोरासबके लेल हमसब लगातार परथना करैचियौ, जे अपनासबके परमेस्वर तोरासबके आपन बोलाबाके योग्यके बनाबे आ ओकर सब असल कामसब आ बिस्बासके काम ओकर सक्तीसे पुरा कैर देबे।