तुसब परमेस्वरके आग्यापालन करैचिही कैहके सब बिस्बासी जानैछै, तैल्याके हम एकदम खुस चियौ। महज तुसब असल काममे बुधिमान हो आ जे खराब छै, तैसे अलगे रह से हम चाहैचियौ।
देखभाल करैबला अगुवा मन्डलीएटाके भितरे मातर नै महज उ मन्डलीके बाहरो इजत-मान भेटल लोक हैकेचाही। तब मातरे ओकरा बिस्बासी लोकसब मान करतै आ सैतानके जालमे नै परतै।
महज स्वरगसे आबैबला बुइध त सबसे पहिने असल हैछै, तकरबाद उ सान्ती दैबला, नम्र, बिचारसिल आ दयासे भरल रहैछै आ असल कामसे परकट हैछै। अइमे पक्छपात करैबला बात आ छलकपट करैबला बात नै रहैछै।