2 पिरथिबीके बातसबमे नै महज स्वरगके बातमे आपन मन लगा।
तब येसु घुइमके पतरुसके हपारल्कै, “ऐ सैतान, हमरसे दुर चैल जो, तु हमर लेल बाधाके कारन चिही। कथिलेत तु परमेस्वरके बातमे नै, महज लोकसबके बातमे धियान दैचिही।”
“आपन खातिर पिरथिबीमे धन-सम्पती नै ढेरिया, जते ओकरा किरा आ बिज लाइगके नास कैरदैछै। जते चोरसब सिन कोइरके ओकरा चोरालैछै।
तब येसु भिरमे भेल्हा सब लोकसबसे कहल्कै, “सब परकारके लोभ लालच करैसे होसियार रह, कथिलेत लोकके जिन्गी ओकर धने सम्पैतमे अरल नै रहैछै।”
तै खातिर तुसब दुनियाके धनमे इमान्दार नै हेब्ही त, साँचोके धनके जिम्मा तोरासबके के देतौ?
हम त दोधारमे परल चियै। बरु अइ सन्सारसे बिदा भ्याके खिरिस्टसङे रहैके हमर बरका इक्छाछै, कथिलेकी यि एकदम असल बात चियै।
तुसब खिरिस्टसङे जिबित भेलाके कारनसे स्वरगके बातसब खोजी कर, जते खिरिस्ट परमेस्वरके देहना कातमे बैठलछै।
सन्सारमे तुसब आपन देहके इक्छाके मार, जनङ: बेबिचार, अधलाह बात, दुस्ट काम, असुध बिचार आ लोभ जे मुरतिपुजा चियै।