54 स्तिफनसके बात सुइनके महासभामे बैठल लोकसब तामससे ओकरमे दाँत किरकिराबे लाग्लै।
आ ओइसबके आइगके धिधरामे फेकदेतै। ओते लोकसब कान्तै आ दाँत किट-किटेतै।
आ आइगके धिधरामे झोइक देतौ। ओते उसब कान्तै-खिजतै आ दाँत किट-किटेतै।”
तब रजा आपन नोकरसबके आदेस करल्कै, ‘ले, ओकर हाथ-टाङ बान्हके बाहरके अन्हारमे फेकदहै, जते उ कान्तै आ दात किटकिटाइतै।’”
तब मालिक ओकरा कठोर दन्ड देतै आ ओकरा कपटीसबके बिचमे फेक देतै, जते लोकसब कानैत रहैछै आ दात किटकिटाइत रहैछै।”
यि बेकम्मा नोकरके बाहर अन्हारमे फेक दहै, जते लोक कानैछै आ दाँत किटकिटाबैछै।’”
महज स्वरगके राजमे हैबला इजराएलीसब बाहर अन्हारमे फेकल जेतै, जते लोकसब कानैछै आ दात किटकिटाबैछै।”
ओइ बखत तोरासबके पुरखा अबराहम, इसहाक, याकुब आ सब अगमबक्तासबके परमेस्वरके राजमे देखबिही महज तुसब आपनके बाहर फेकल जेबिही तब तुसब कानबिही आ दाँत किटकिटाइबिही।
जब उसब यि बातसब सुनल्कै तब महासभाके सदससब रिससे चुरभेलै आ ओइसबके मारैले चाहल्कै।