41 ओहै समयमे एक दिन एकटा बछाके मुरती बनाके, ओकरा बैल भोग करल्कै। आपने हाथसे बन्याल मुरुतके लेल खुसी मनाइल्कै।
उ बिपतसे बचलहा लोकसब आपन हाथके कामसबसे पस्चाताप नै करल्कै। उसब भुत-परेतसबके, देखैले नै सकैबला, सुनैले नै सकैबला आ चलै-फिरै नै सकैबला सोना, चानी, काँस, पथल आ काठके मुरतीसबके पुजैलै नै छोरल्कै।