ओहैसे हम तोरासबके लग अगमबक्तासब, बुधिमान लोकसब आ धरमगुरुसब पठेबौ। तोरासबमेसे कतहेक गोरा ओइसबके मारबिही आ कतहेकके कुरूसमे लटकेब्ही आ कतहेक गोरेके सभाघरमे कोरासे पिटबिही आ एक सहरसे दोसर सहर तक खिहारबिही।
तुसब देखैचिही आ सुनैचिही, कि एफिससमे मातरे नै महज एसियाके पुरे परान्तमे हाथसे बन्याल देबिदेबता कुछो नै चियौ कैहके पावल बहुत लोकसबके बहक्याके लगेलछै।
पावल कहल्कै, “जी नै, हजुर! हम त किलिकिया टारसस सहरमे जलमल्हा एकटा यहुदी चियै। हम ओहै नाम चलल सहरके एकटा नागरिक चियै। दया कैरके हमरा यि लोकसबके अगा कुछ बात बोलैले दिय।”
तब हम परभुके जबाब देलियै, ‘यि बात अकरौरके थाहेछै जे हमसब सभाघरसबमे ज्या-ज्याके तोरा बिस्बास करैबलासबके पकैरके पिटै छेलियै आ जहलमे ढोइकके राखै छेलियौ।