10 महज स्तिफनसके बोलैत खिना पबितर आत्मा अतहेक निक बुइध देल्कै कि उसब ओकर सामने नै टिके सक्लै।
उ एलिया जखा सक्ती आ पबितर आत्मासे भरल लोक बन्तै। उ परभु आबैके लेल लोकसबके हिरदय तैयार करतै। बाबुसबके मन धियापुता दिसन आ थेथरसबके मन धरमीसबके बुइधमे तैयार कैरके घुम्याके लाबतै।”
कथिलेत हम तोरासबके एहेन सब्द आ बुधि देबौ, कि तोहर बिरोधीसब तोरासबके बात सुइनके एकोटाके जबाब दैले नै सक्तौ, ओकरौरके मुहमे तला लाइग जेतौ।
पहरेदारसब जबाफ देल्कै, “उ लोक जखा त अखुनतक कोनो लोक नै बोल्नेछै!”
महज यदी यि परमेस्वरसे चियै त तुसब अकरा नै रोके सकबिही। नै त अनङ करबिही त तुसब परमेस्वरके बिरोधमे ठरा भेल देखबिही।”
तब उसब चुपचाप लोकसबके चरह्या-बरह्याके एहेन कहैले उकसेल्कै, “तुसब कहै जे हमरासबके अकरा मोसा आ परमेस्वरके बिरोधमे बोलैत सुनलियै।”
महज कतहेक यहुदीसब जे “स्वतन्तर-दल” कहाइबला सभाघरसबके आ कुरेनी, अलेकजेन्डरिया, किलिकिया आ एसियाके लोकसब रहै, उसब स्तिफनसके बिरोधमे खरा भ्याके ओकरसङे बताबती करे लाग्लै।
“हे अटेरी लोकसब, कठोर हिरदय आ बैहरसब, तुसब हरदम पबितर आत्माके बिरोध करैत रहैचिही। तोहर पुरखासब जैहनङ करल्कौ तैहनङ तुहुसब करैचिही।
हमर सिक्छा आ परचार घत लागैबला बुइधके बरका-बरका बातसब नै बाजलियै, महज पबितर आत्माके सक्तीके सबुत द्याके हम परचार करलियै,