“तोहे धरमगुरुसबके आ फरिसीसबके धिक्कार! तुसब कपटी चिही! कथिलेत तुसब स्वरगके राजके केबार खोलैबला कुजी त लेल्ही, महज नै अपने ढुकलिही नै दोसरके ढुकैले देल्ही।
“कि हम तोरासबके यि सिक्छा नै दैले करा आग्या देने नै छेलियौ, महज तुसब आपन सिक्छासे पुरे यरुसलेम भैरदेल्ही आ ओइ लोकके खुनके दोस हमरासबके उपर आनैले चाहैचिही।”