36 कथिलेत कुछ समय पैहने थुदास नामके लोक आपन परसन्साके दाबी करल्कै आ लगभग चार सय लोक ओकर पछा लाग्लै, महज उ मारल गेलाके बाद ओकर पछा लागैबलासब सब तितर-बितर भ्यागेलै आ सब बातसबके नाम निसान हरागेलै।
एहेन लोकसब सन्तोखिया नै हैछै, हरदम दोसरके गल्ती निकालैछै आ अपना सेहो नै निक इक्छासबमे चलैछै, अपनेके बरका सम्झैछै आ आपन काम बनाइले दोसरके चापलुसी करैछै।