सातम स्वरगदुत आपन तुरही फुकल्कै त स्वरगमे बरका अबाज एहेन कहल्कै, “पिरथिबीमे राज करैके अधिकार आबसे अपनासबके परभु आ ओकर खिरिस्टके चियै आ उ जुगो-जुगतक राज करतै।”
कथिलेत परमेस्वर आपन उदेस्य पुरा करैबला मन ओकरासबके देनेछै आ परमेस्वरके कहल बचन पुरा नै हैतक उसब एकेमन भ्याके काम करतै, राज करैबला आपन अधिकार उ जानबरके देतै।