21 परमेस्वर पहिनेसे आपन पबितर अगमबक्तासबके मुहसे बोलल्हा सब चिजके पुनरअस्थापन हैबला बखत नै आबेतक खिरिस्टके स्वरगमे रहेपरतै।
जहिनङ उ परापुरुवेकालसे आपन पबितर अगमबक्तासबके मुहसे बोल्नेछै,
उसब कहल्कै, “ए गालिलके लोक, तुसब कथिले अकास दिसन ताकैत ठडा भेलचिही? येसु त स्वरगमे गेलौ, जैहनङ अखुन स्वरगमे जाइत देखलिही, ओहिनङ ओकरा फेनो आबैत देखबिही।”
सब अगमबक्तासब येसुके बारेमे गबाही देनेछै, जे कोइ ओकर उपर बिस्बास करतै ओइसबके पाप ओकर नाममे छमा हेतै।”
तै खातिर तुसब पस्चाताप कर आ आपन मन बदल जैसे तोरासबके पाप मेटाबे आ परमपरभुसे आनन्दके समय आबे,
आ परमेस्वर तोरासबके खातिर पैहनैयेसे छानल खिरिस्ट अरथात येसुके पठादेतौ।
सिरिस्टी आपनेसे बिनासके बन्धनसे एक दिन छुटकरा पाइबके परमेस्वरके सन्तानके महान छुटकरामे सहभागी हेतै।
पहिन्का जुगमे परमेस्वर अपनासबके पिता पुरखासङे अगमबक्तासब दुवारा बहुत बेर आ बहुत किसीमसे बोलल छेलै।
कथिलेत अगमबक्तासब आपन मनसे अगमबानी नै करल्कै, महज पबितर आत्माके परेरनासे उसब परमेस्वरके तरफसे बोल्नेछेलै।
पहिनेके पबितर अगमबक्तासबके बोलल अगमबानी आ तोरासबके परेरितसबसे अपनासबके परभु आ मुक्ती दैबला परभुके देल आग्या तोरासबके सम्झैले परतौ।
हे स्वरगमे भेल्हासब, उ सहर नास भेलासे खुस हो। हे परमेस्वरके पबितर जनसब, परेरितसब आ अगमबक्तासब सबकोइ आनन्द मना! कथिलेत तोरासबके सताबैके कारन परमेस्वर ओकर नियाय करने छै।
तकरबाद उ स्वरगदुत हमरा कहल्कै, “यि बचन बिस्बासयोग्य आ सत छै। अगमबक्तासबके पबितर आत्मा दैबला परभु परमेस्वर आपन सेबकसबके आब जल्दिए हैबला घटनासब देखाइके लेल स्वरगदुतके पठाइल्कै।”