‘कथिलेत यि लोकसबके मन कठोर भ्यागेलछै आ ओइ लोकसबके कान बैहर भ्यागेल्छै, उसब आपन आँख मुइन लेने छै, नै त उसब आँखसे देखतियै, कानसे सुनतियै आ मनसे बुझतियै आ घुइमके हमरलग एतियै आ हम ओइसबके निक करतियै।’
कथिलेत यि लोकसबके मन कठोर छै, ओकरसबके कान बैहर भेल छै, तब उसब आपन-आपन आँख बन कैरलेने छै! नै त उसब देखतियै, सुनतियै आ मनसे बुझतियै, तब उसब मन फिराके हमर दिसन घुइमके एतियै आ हम ओकरासबके तन्दरुस्त बनाइतियै।”
हे हमर भाइ-भैयासब, हम तोरासबके एकटा रहसके बात थाह हेबे कैहके चाहैचियौ। उ बात तोरासबके थाह हेतौ त तुसब आपनेके बुधिमान ठाइनके घमन्ड नै करबिही। उ रहसके बात यि चियै कि, खिरिस्टमे आबैबला गैर-यहुदीसब बिस्बास नै करैतक बहुतो इजराएलीसबके हिरदय कठोर हेतै।
परमेस्वरमे दुख सहैबला तोरासबके आ हमरासबके छुटकारा देतौ। यि त तब हेतै, जब परभु येसु स्वरगसे धधकैत आइगमे आपन सक्तीसाली स्वरगदुतसबसङे परगट हेतै तब यि सब करतै।