14 सबगोरे जमिनपर खैस परलियै। तहै बखत हम हिबरु भसामे एहेन कहैत सुनलियै, ‘साउल, ऐ साउल, तु हमरा कथिले सताइचिही? तु हमर बिरोध कैरके आपनेमे कथिले दुख उठ्यारहल चिही।’
सेनापती अनुमति देल्कै तब पावल सिरहीमे ठार भ्याके हाथसे सान्त हैले इसरा करल्कै। जब लोकसब सान्त भेलै तब पावल हिबरु भसामे बोलैले लाग्लै।
ओकरा हिबरु भसामे बाजैत सुइनके सब लोकसब चुपचाप रैह गेलै।
हे रजा, हम रस्तामे जाइत खिना दुपहरमे स्वरगसे एहेन इजोत देखलियै जे सुरुजोके इजोतसे तेज हम आ हमर सङिसबके चारुकातमे चमकलै।
तब हम पुछलियै, ‘परभु, अहाँ के चियै?’ परभु हमरा उतर देल्कै, ‘हम येसु चियै, जकरा तु सताबै चिही।
साउलसङे जाइबला लोकसब डेराके बौक जखा ठार भ्यागेलै कथिलेत उसब अबाज त सुनल्कै, महज ककरो नै देखल्कै।
अनङकैरके परभुके रिस उठेनाइ डरलागैबला बात नै चियै से? कि अपनासब ओकरसे बौकार चिही?