34 महज भिरमे भेल्हा लोकसब ककरो कहै एकटा बात त दोसरके दोसर बात। अहै कारन सेनापती झगराके खास बात थाहे नै पाबे सक्लै। तै खातिर पावलके सिपाहीसब रहैबला गढ़मे लजाइके आग्या देल्कै।
एम्हर रंगसला भिरत एतहेक नै होहल्ला हैतरहै कि कोइ कुछ कहैक त कोइ कुछ। महज बहुतो लोकसबके कथिले हमसब जम्मा भेलचियै सेहो नै थाह छेलै।
जब सिपाहीसब पावलके गढ़के भितर लजाइत खिना सेनापतीके गिरिक भसामे कहल्कै, “यदी अहाँ आग्या देबै त कुछ बात राखु।” सेनापती कहल्कै,
तब यि देखके सेनापती पावलके भितर लगेलै आ कोरासे मारैके आदेस दैत कहल्कै, “अकरा कोरासे माइर-माइरके पुछ तब यहुदीसब कथिले खिस्याल छेलै से पता लागतौ।”
तकर बिहानके यहुदीसब पावलके कथिले दोस लगारहलछै, से बातके पता लगाइले सेनापती चाहैछेलै। तै खातिर उ मुल पुजारी आ महासभाके सब सदससबके बोल्याके जम्मा हैले आदेस देल्कै आ पावलके लज्याके सबके अगा ठार करल्कै।
जब ओइसबमे मतभेद बरहैत गेलै तब सेनापती डेरागेलै जे पावलके उसब टुकरा-टुकरा कैर नै दै। तैल्याके उ सैनिकसबके निचा ज्याके पावलके ओइसबके बिचसे जबरजस्तीसे गढ़मे लजाइले आग्या करल्कै।
जब पावलके भैगना यि योजनाके बारेमे थाह पाबल्कै तब गढ़मे ज्याके पावलके सुन्यादेल्कै।
तब बिहान भेने पावलके घोरसबार सैनिकसबके अगा दिसन सङे जाइले ओइसबके छोइरके सैनिकसब गढ़मे घुइमके गेलै।
अकर बारेमे हमरा कैसरके लिखैले कुछो खास बात थाह नै छै। तै खातिर हम ओकरा अहाँसबके अगा आ खास कैरके रजा अगरिपासके अगामे आनैले चाहलियै कि हमसब ओकर छनबिन करबै आ हमरा कुछ लिखैके लेल भेटत।