34 दाउद त स्वरगमे नै चढ़लै, महज उ आपने कहैछै, परमपरभु हमर परभुके कहल्कै, तु हमर देहना हाथ कात बैठ,
जबकि दाउद आपने पबितर आत्मासे कहनेछै, ‘परमपरभु हमर परभुके कहल्कै, तु हमर दहिना हाथ कता बैठ, जाबेतक हम तोहर दुस्मनसबके तोहर टाङके खराम नै बनाइबौ।’
स्वरगसे उतैरके एल हम मानबके बेटा बाहेक कोइ नै स्वरगमे चरहल छै।
‘जाबेतक हम तोहर दुस्मनसबके तोहर टाङके खराम नै बनाइबौ।’
कथिलेत खिरिस्ट आपन सब दुस्मनसबके आपन टाङके तरमे नै राखैतलिक ओकरा राज करैये परतै।
परमेस्वर सब बात खिरिस्टके अधिनमे राइखदेनेछै आ मन्डलीके लेल सब बातके सिर बनाइनेछै।
महज परमेस्वर यि बात कोनो स्वरगदुतके कहियो अनङ नै कहल्कै, “तु हमर दहिनाकात बैठ जाबे तलिक तोहर सतरुसबके तोहर टाङके निचा नै करबौ।”