25 जनङ दाउद ओकर बारेमे कहल्कै, ‘हम परभुके आपन सामने देखलियै, उ हमर देहना कात रहैछै, तैल्याके हम नै डगमगाइबै।
उसब दुनुगोरे परमेस्वरके नजरमे धरमी छेलै आ परमपरभुके सब आग्या आ धारमिक नियमसब मानैछेलै।
देख! समय आइबरहल छै, हँ, लग चैलएलै, जब तुसब चारुदिसन छिरिया जेब्ही। तुसब भाइगके आपन-आपन घर जेब्ही महज हमरा असगरे छोइर देब्ही। तैयो हम असगरे नै चियै, कथिलेत हमरसङे पिता छै।
अहै खातिर हमर हिरदय आनन्दित आ हमर जिह खुसीसे इस्तुति करैछै। अतबेहेक नै हमर देह सेहो आसेमे जिबित रहैछै।