40 जहलसे निकललाके बाद पावल आ सिलास लिडियाके घरमे गेलै। ओते उसब परभुमे बिस्बास करैबला भाइ-भैयारीसब सङे भेटघाट करल्कै आ साहस द्याके ओतेसे बिदाह भेलै।
ओइ दिनमे करिब एकसय बिस गोरा बिस्बासीसब एक ठाम जम्मा भेल छेलै तब पतरुस उसबके बिचमे ठडा भ्याके कहल्कै,
उसब ओइठाम परभुके बिस्बासीसबके हिम्मत बरहाइत ओइसबके बिस्बासमे अस्थिर रहैले हौसला दैत रहलै आ कहैत रहलै, “परमेस्वरके राजमे पुगैसे पैहने अपनासबके बहौत दुख सहे परत।”
ओते थिआटिरा सहरमे रहैबाली एकटा लिडिया नामके जनी रहै जे बैजनी रङके बस्तरके बेपार करैतरहै। उ परमेस्वरके मानैत रहै आ हमरासबके बात सुइन रहल छेलै। पावलके बात धियानसे सुनौक आ बिस्बास करौक कैहके परभु ओकर मनके देहरी खोइल देल्कै।
लुस्तरा आ आइकोनियाके बिस्बासीसबमे तिमोथीके असल लोकके रुपमे चिन्हैछेलै।
ओतेसे छुटलाके बाद पतरुस आ युहन्ना आपन सङि-साथीसबलग एलै, मुल पुजारीसब आ अगुवासबके कहल बातसब ओइसबके सुनादेल्कै।