25 महज अधा रातके पावल आ सिलास परथना करैत, भजन गाबैत परमेस्वरके परसन्सा करैतरहै, ओकरौरके परथना करैत परमेस्वरके भजन गाबैछेलै आ औरो जहलमे ढोकलहा कैदीसब सुनैत रहै।
ओकर हिरदय एकदम दुखसे भरल छेलै, तब उ धियानसे परथना करे लाग्लै, तै बखत ओकर पसिना लहुके बरका-बरका ठोप जखा भुइयामे चुबै छेलै।
तकरबाद परेरितसब आ मन्डलीके अगुवासब मन्डलीके पुरा लोकसबसङे मिलके दुइ गोराके छानल्कै। उसब ओइ दुनुगोराके बरनाबास आ पावलके सङ लग्याके एन्टिओखिया पठाइले उचित ठानल्कै। उ चुनलहा बरनाबास कहाइबला यहुदा आ सिलास रहै। उ दुनुगोरा परभुमे बिस्बास करैबलासबके अगुवा रहै।
जब ओइ छौरीके मालिकसब देखल्कै कि आब कमाइके रस्ता ओरागेलै तब उसब पावल आ सिलासके पकैरके घिसयाइते सहरके चौकमे सासकसबलग आनल्कै।
तकरबाद तुरन्ते हाकिम पावल आ सिलासके लज्याके राइते ओइसबके घा-घौस धुया देल्कै। तब उ आ ओकर घरके लोकसब बप्तिस्मा लेल्कै।
तब येसुके नाममे अपमान सहैके योग्य चियै कैहके खुसी मनाइत उसब महासभामे गमलिएलके बात मानैत निकैलके गेलै।
आपन आसामे आनन्द कर, दुख-कस्टमे धिरज कर आ निरन्तर परथना करैतरह।
अतबेक नै, हमसब आपन दुख-कस्टमे सेहो आनन्द मनाबैचियै कथिलेत हमसब जानैचियै कि दुख-कस्टसे सहनसिलता उतपन कराबैछै,
सोकमे रहितोपरभी हरसमय आनन्दमे रहैचियै। गरिब रहितोपरभी बहुतोके आत्मिकी रुपमे धनिक बनाबैचियै। कुछो नै रहितोपरभी हमरासबसङे सब चिज छै।
एक-आपसमे भजन, गित आ पबितर आत्मासे देल गित गाब आ परभुके खातिर आपन हिरदयसे धुन निकाल।
यदि तोरासबके बिस्बाससाथ करल सेबाके कामके खातिर हमरा लहु बहाबैले परतै तैयो हम खुसिसे बहेबौ आ तोरेसबसङे आनन्द मनाइबौ।
अखुन हम तोरासबके खातिर दुखो भोइगके खुसी चियौ कथिलेत खिरिस्टके देह अरथात मन्डलीके खातिर बाकी रहल दुख-कस्टसब हम आपन देहमे भोइगके पुरा करैचियौ।
येसु अइ सन्सारमे रहैतकाल मिरतुसे बचाबेबला परमेस्वरसङे जोरसे कानैत बिन्ती आ परथना करल्कै। ओकर नमरता आ भक्तीके कारन ओकर परथना परमेस्वर सुनल्कै।
हे हमर भाइ-भैयासब, तोरौरके जब कोनो किसिमके आपत-बिपत एतौ तखुन तुसब खौब आनन्दके बात समझ।
यदि तोरासबमेसे कोइ समस्यामे छै त, उ परथना करे। कोइ खुसी छै त, उ परसन्साके गित गाबे।
खिरिस्टके पछा चलैके कारन तोरासबके अपमान करैछौ त, तुसब धन्यके चिही, कथिलेकी परमेस्वरके महिमीत आत्मा तोरासबमे रहैछौ।