18 यि सब बात कैहके उसब मुस्किलसे लोकसबके बैलभोग चरहाइले रोकल्कै।
‘कथिलेत यि लोकसबके मन कठोर भ्यागेलछै आ ओइ लोकसबके कान बैहर भ्यागेल्छै, उसब आपन आँख मुइन लेने छै, नै त उसब आँखसे देखतियै, कानसे सुनतियै आ मनसे बुझतियै आ घुइमके हमरलग एतियै आ हम ओइसबके निक करतियै।’
लोकसब आइबके जबरदस्ती ओकरा रजा बनाबैले ल्याजेतै से जाइनके येसु फेनो असगरे पहार दिसन चैलगेलै।
तैयो उ आपन भलाइके असल कामसब दुवारा लोकसबके आपन बारेमे गबाही दैत रहलै। कथिलेत उ अकाससे पानी बरसाइछै आ ठिक समय पिरथिबीमे उब्जा दैछै। अहाँसबके भोजन जुटाबैछै आ अहाँसबके मन आनन्दित करैछै।”
तकरबाद कुछ यहुदीसब एन्टिओखिया आ आइकोनियनसे ओते एलै आ लोकसबके आपन पक्छमे कैरके पावल उपर पथलबाही कराइल्कै। उ मरगेल हेतै कैहके ओकरा घिस्याइत लज्याके सहरसे बाहर फेकदेल्कै।