“तोहे धरमगुरुसबके आ फरिसीसबके धिक्कार! तुसब कपटी चिही! कथिलेत तुसब स्वरगके राजके केबार खोलैबला कुजी त लेल्ही, महज नै अपने ढुकलिही नै दोसरके ढुकैले देल्ही।
तोरासबके पिता त सैतान चियौ आ तुसब आपन पिताके इक्छा पुरा करैले चाहैचिही। उ त सुरुवेसे हतियारा छौ, सत चिजसे ओकरा कोनो मतलब नै छै, कथिलेत ओकरमे कोनो सत नै छै। जब उ झुठ बोलैछै, उ आपन स्वभाब अनुसार बोलैछै, कथिलेकी उ झुठ चियै आ उ झुठके पिता चियै।