21 तब तोकलहा दिनमे रजा हेरोद राजकिय बस्तर पिन्हके आपन सिंहासनमे बैठलै आ भासन देल्कै।
पिलातस नियाय आसनमे बैठल छेलै, तखनिए ओकर घरबाली ओकरा एहेन कैहके खबर पठेल्कै, “ओइ निरदोस लोकके कुछो नै करियौ! कथिलेकी आइ रात हम सपनामे ओकरे कारन बहुत दुख काटलियै।”
हेरोद टुरोस आ सिदोनके लोकसबमे खिस्याल रहै। तब ओइसबसङे मिलके हेरोदसे भेटैले गेलै। रजाके मुख कारिन्दा बलस्तसके आपन पक्छमे कैरके ओकर सहायतासे रजा लग मेल करैले परस्ताब राखल्कै। कथिलेत ओइसबके देसमे सब खाइबला चिज हेरोदके देससे आबैछेलै।
रजा हेरोदके भासन सुइनके लोकसब जोर-जोरसे कहेलाग्लै, “यि त लोक नै, देबते बाइजरहल छै।”
पाँच दिनके बाद परधान पुजारी हननिया, कुछ अगुवासब आ तरतुल्लस नामके एकटा ओकिलके ल्याके कैसरिया सङे ओते एलै। तब उसब पावलके बिरोधमे हाकिमके अगा आरोप लगाइल्कै।
तकर दोसरदिन अगरिपास आ बरनिकी बरका धुमधामके साथ सेनापतीसब आ सहरके परमुख लोकसबसङे सभामे एलै। तब फेस्तस पावलके हाजिर करैले आदेस देल्कै।