तुसब हमरमे रह आ हम तोरासबमे रहबौ। जेनङकी ठाइर अङगुरके लतीमे नै रहतै त उ आपनेसे फल फराइले नै सक्तै, तहिनङ तुसब हमरमे नै रहबिही त तुहुसब फल फराइले नै सकबिही।
तब ओतेसे उसब पानी जहादमे चहैरके एन्टिओखिया सहरमे गेलै, जते परभुमे बिस्बास करैबला लोकसब बरनाबास आ पावलके परमेस्वरके किरपामे सौपके परचारके काममे पठाइने छेलै, से काम पुरा कैरके एलै।
महज हम आपन जिबनके कोनो मोलके नै मानैचियै। अतबेहेक मातर चाहैचियै कि, परमेस्वर लोकसबके अनुगरह देने छै से सुसमाचार करैले हम अन्ततक दौरबरहा करी आ परभु येसुसे मिलल सेबाके काम पुरा करेसकी।
कि हम अस्थिर नै भेल जखा यि योजना बनाइने चियै कैहके तोरासबके लागैछौ? कि हम योजना बनाइतकाल सन्सारके लोक जखा एके छनमे “हँ” आ एके छनमे “नै” कैहके कहैचियै से?
हम यि छोट चिठी बिस्बासयोग्य भाइ सिलाससे लिखाबैचियौ। हम तोरासबके साहस दैकेलेल आ तोरासबके जे भ्यारहलछौ उ परमेस्वरके सच्चा अनुगरह चियै कैहके गबाही दैचियौ। यि अनुगरहमे अस्थिर भ्याके रह।