14 ओइसबके आँख बेबिचारसे भरल रहैछै आ कतबो पाप करैछै तैयो नै मन भरैछै। उसब चनचल मन भेल्हासबके फुस्यालैछै। ओकरसबके मन लोभसे भरल रहैछै। ओहैसे परमेस्वरके सराप ओइसबके उपरमे परलछै।
ए बिखधर साँपके बच्चासब! तुसब आपने दुस्ट चिही त, कनङके असल बात बोले सकबिही? कथिलेत मनके भितरमे जे बात रहैछै स्याहा बात मुहसे निकलैछै।
[“तोहे धरमगुरुसबके आ फरिसीसबके धिक्कार! तुसब कपटी चिही! तुसब बिधुवासबके घर हरैप लैचिही आ देखाबैले बरिखानतक परथना करैचिही। साँचे तुसब त औरोसबसे बेसी कठोर सजाय पाबबिही।]
“तकरबाद उ आपन बमा कता भेल्हासबके कहतै, हे परमेस्वरसे सराप पाबलाहा लोकसब। हमरसे दुर चैल जो! सैतान आ ओकर दुतसबके लेल तैयार करल कहियो नै मुझाइबला आइगमे चैल जो।
महज हम तोरासबके कहैचियौ, जे कोइ कोनो जनीके गलत नजरसे देखैछै, त उ पैहनैये आपन मनमे ओकरसे बेबिचार कैरलेने रहैछै।
कथिलेत झुठा खिरिस्ट आ झुठा अगमबक्तासब देखा परतौ। सम्भब त अचमके कामसब आ चेन्हासब देख्याके परमेस्वरके छानल लोकसबके बहकाके लजेतौ।
तुसब एक-दोसरसे आदर खोजैचिही, महज परमेस्वरसे ल्याल आदरके कोनो वस्ते नै करैचिही त, तुसब कनङके बिस्बास करे सकबिही?
कथिलेत एहेन लोकसब अपनासबके परभु येसु खिरिस्टके नै महज आपन पेटके लेल सेबा करैछै। उसब निक-निक बात बन्याके सिधासाधा लोकसबके ठगैछै।
तोरासबमेसे सत लोकसब चिन्हैके लेल तोरासबमे बेमेल होनाइ जरुरी छै।
अपनोसब एक समयमे ओहैसब जखा आपन देहके आ मनके इक्छा पुरा करैमे लागल छेलियै आ औरो लोकसब जखा अपनोसब परमेस्वरके दन्ड पाबैबला छेलियै।
तब अपनासब चलाक लोकसबके झुठा सिक्छाके हबासे जने ल्याजेतौ तने जाइबला छोट धिया-पुता जखा नै हो। ओइसबके बन्याल जाल झेलसे दोसरके बहकाइछै।
हमरासबके दरसन मिललछै कैहके झुठ नमरता देखाबैत, स्वरगदुतके पुजा करैबला आ आपनेके महान समझैबलासब छै। उसब एहेन छल-कपटमे फैसके तुसब पाबैबला इनाम नै गुमा। एहेन लोकसब बिना कारन देहके स्वभाबके ग्यानमे घमन्ड कैरके फुलल रहैछै।
ओहेन लोक घुचपिचिया हैछै आ ओइसबके चालचलन अस्थिर नै रहैछै।
उसब घमन्डी आ मुरुख बात करैछै आ देहके लालसा देखाके भरखर खराब रस्तासे बाहर एलहा लया बिस्बासीसबके फसाबैछै।
उसब लोभमे पैरके झुठा बातसब बनाइतौ आ तोरासबसे फैदा उठेतौ। ओइसबके दन्डके आदेस पहिने भ्यागेल छै आ ओइसबके नास पक्के हेतै।
पावल सब चिठीसबमे अहिनङे बातसब लिख्नेछै। ओकर लिखल चिठीसबमे कोनो-कोनो बातसब बुझैले कठिनाइ हैछै। बात नै जानैबला लोक आ चनचल लोकसब ओकरा उल्टा पुल्टा अरथ लगाबैछै। उसब पबितर धरमसास्तरके सेहो ओहिने अरथ लगाबैछै। ओहिनाइते उसब आपनेके नासमे पुगाबैछै।
कथिलेत सन्सारमे भेल्हा चिजसब अरथात देहके कुइक्छा, आँखके लालच आ जिबनके घमन्ड परमेस्वर पितासे नै, महज यि सब त सन्सारसे एलछै।
ओइसबके खातिर यि कतहेक डर हैबला बात चियै। उसब कयिनके देख्याल रस्ता चल्लै। पैसाके खातिर बलामके करलहा अधलाह कामके रस्ता गेलै तब उसब कोरह जखा बिरोध करल्कै आ उसब ओकरे जखा नास हेतै।
अहिनङे उ अजेगर, जे पहिन्का साँप चियै, जकर नाम दुस्ट आत्मा आ सैतान सेहो चियै, जे पुरे सन्सारके भरमाके राखने छेलै, ओकरा आ ओकर दुतसबके सङे स्वरगसे पिरथिबीमे फेक्नेछेलै।